वस्तु एवं सेवा कर विधेयक बिल: भारत में वस्तु एवं सेवा कर विधेयक
(Goods and Services Tax (GST) Bill ), हाल ही में एक चर्चित एक विधेयक है जिसे वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 3 अगस्त 2016 को राज्यसभा में पेश किया गया ।
जीएसटी पूरे देश के लिए एक अप्रत्यक्ष कर है जो भारत को एकीकृत साझा बाजार बना देगा। जीएसटी विनिर्माता से लेकर उपभोक्ता तक वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति पर एक एकल कर है।
प्रत्येक चरण पर भुगतान किये गये इनपुट करों का लाभ मूल्य संवर्धन के बाद के चरण में उपलब्ध होगा जो प्रत्येक चरण में मूल्य संवर्धन पर जीएसटी को आवश्यक रूप से एक कर बना देता है।
अंतिम उपभोक्ताओं को इस प्रकार आपूर्ति श्रृंखला में अंतिम डीलर द्वारा लगाया गया जीएसटी ही वहन करना होगा। इससे पिछले चरणों के सभी मुनाफे समाप्त हो जायेंगे। वस्तु एवं सेवा कर भारत की सबसे महत्वाकांक्षी अप्रत्यक्ष कर सुधार योजना है। वर्तमान में अप्रत्यक्ष कर प्रणाली, आपूर्ति श्रृंखला के विभिन्न स्तरों पर केंद्र और राज्यों द्वारा लगाये जाने वाले बहु-स्तरीय करों में फंसी हुई है, जैसे आबकारी कर, चुंगी, केंद्रीय बिक्री कर (सीएसटी) और मूल्य वर्धित कर इत्यादि। जीएसटी में ये सभी कर एक एकल शासन के तहत सम्मिलित हो जायेंगे। यदि अपनाया गया, तो जीएसटी विसंगतियों को दूर करके कर प्रशासन को अत्यंत सरल बना देगा। केंद्र और राज्य वस्तुओं और सेवाओं पर समान दरों पर कर अधिरोपित करेंगे। उदाहरणार्थ, यदि किसी वस्तु पर 20 प्रतिशत मान्य दर है, तो केंद्र और राज्य दोनों 10-10 प्रतिशत कर संग्रहित करेंगे।