इन्हें होगा फायदा : मेक इन इंडिया और परिवहन
1- लॉजिस्टिक्स (परिवहन)
2- तेजी से बढ़ते ई-कॉमर्स के साथ ‘मेक इन इंडिया’ की बढ़ती मौजूदगी से लॉजिस्टिक्स में काम कर रही कंपनियों को सबसे ज्यादा फायदा होगा। कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, इंटरग्लोब एविएशन, ऑलकार्गो, एजिस लॉजिस्टिक्स, अदानी एसईजेड, गुजरात पिपावाव जैसी कंपनियों में तेजी आएगी।
ऑटोमोबाइल्स
छोटी कार बनाने वाली कंपनियों, जैसे- मारुति, हुंडई और टाटा मोटर्स के साथ ही हीरो होंडा, आइशर, बजाज ऑटो को भी बहुत लाभ मिलने वाला है। इससे कीमतों में गिरावट तय है।
एफएमसीजी
हिंदुस्तान लीवर्स, पीएंडजी, गोदरेज और आईटीसी जैसी बड़ी एफएमसीजी कंपनियां भी बड़े पैमाने पर टैक्स और लॉजिस्टिक्स लागत कम कर सकेंगी।
उपभोक्ता उत्पाद
इस सेक्टर की ज्यादातर कंपनियों को टैक्स और लॉजिस्टिक्स की लागत कम होने का फायदा मिलेगा। सफेद सामान बनाने वाले, इलेक्ट्रिकल अप्लायंसेस के सेक्टर को सबसे ज्यादा लाभ होगा।
सीमेंट
बुनियादी ढांचे में सीमेंट एक महत्वपूर्ण घटक है। ज्यादातर सीमेंट कंपनियों को मांग में बढ़ोतरी का सामना करना पड़ेगा। जीएसटी की वजह से लागत कम होने का फायदा मांग बढ़ने के तौर पर मिलेगा। इससे भारत में बुनियादी ढांचे की लागत कम होगी।