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लुगाई का लोग
कर्मों का भोग,
लोग की लुगाई
समझो मुसीबत आई,
पति की पत्नी
पर-कतरनी,
पत्नी का पति
मारी गई मति,
हसबैंड की वाइफ
टेंशन में लाइफ़,
वाइफ का हसबैँण्ड
बेलन से बाजे बैंड,
सजनी का साजन
बना कोपभाजन,
साजन की सजनी
मनभर वजनी,
गुलाम की जोरू
बड़ी कानफोडू,
जोरू का गुलाम
समझो काम तमाम,

दोस्तो कविता खतम हो गई
राम-राम।

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