एक बार सेठ के घर इनकम टैक्स की रेड पड गई.......
.
.
.
इनकम टैक्स अधिकारी -: बाकी तो सेठ
जी सब ठीक है पर आपने
कुत्तों को जलेबी खिलाने का खर्चा पांच लाख रूपये जो लिखा है उससे
हम संतुष्ट नही हैं क्या आप इसके कोई दस्तावेज पेश कर
सकते हैं.....
.
.
.
सेठ जी -: नहीं, इसके दस्तावेज मेरे पास
नही हैं.....
.
.
.
.
इनकम टैक्स अधिकारी -: चलो फिर हम बात
यही रफा दफा कर लेते हैं
इसके बदले आप हमें दस हजार रूपये दे दें।
.
.
.
.
.
.
.
सेठ जी मान गए ठीक है मैं आपको दस हजार रूपये दे
देता हूं
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
सेठ जी ने मुनीम को आवाज लगाई मुनीम जी इन लोगों को दस हजार रूपये दे दो और खाते में
लिख देना कुत्तों ने दस हजार रूपये की जलेबियां और खाई.
समझ आया तो ठोको लाइक
कल मैं अपणी सुसराड़ जा रया था........
मंगलवार का दिन था तो मेरा साला बोल्या - जीजा,
आज तो हनुमानजी का बरती होगा.......
मैने रिफल के हांमी भर ली........
सांझ ता किसी नै खाण पीण की बुझी ही
नी बरती तो सै ए.....
रात नै भूख के मारे नींद कोनी आई........
देर रात पडौसीयां के घर तै रोण की
आवाज आई........
मेरा साला बोल्या- बेरा
नै पडौसीयां के होग्या, रोण लाग्रें सै.......
मैं बोल्या- मैं बताऊ..........
साला बोल्या- हां जीजा तु बता दे,
तन्नै बेरा
है तो......
मैं बोल्या- कोई बरती मरग्या होगा
तो मेरा साला बोल्या - बरती भी मरया
करै सै के......
या सुणते ही मैं बोल्या- थोडी हाण रूक ज्या
मन्नै मरया देख लिये.
एक दिन संता का गला बैठ गया बहुत कोशिश की पर आराम नहीं मिला
रात के 2 बजे अपनी बीवी से बोला कुछ समझ में नहीं आ रहा है क्या करूँ?
बीवी बोली: इसमें शर्माने की क्या बात है, सामने ही तो डॉक्टर बंता का घर है, चले जाओ!
संता: रात के 2 बजे किसी के घर जाते हुए अच्छा नहीं लगता है!
बीवी बोली: डॉक्टर का तो फ़र्ज़ यही है वे कभी भी मरीज को देख सकते हैं, इस बात की उन्हें शपथ दिलाई जाती है!
घबराते घबराते वे सामने वाले अपार्टमेन्ट में पहुंचे दरवाजा खटखटाया अन्दर से डॉक्टर की बीवी ने पूछा कौन है?
संता (गला बैठी हुई आवाज़ में धीरे से) मैं हूँ आपका पड़ोसी, डॉक्टर साहब हैं?
अन्दर से आवाज़ आयी नहीं हैं, आ जाओ!
एक सयानी सास ने नई-नई आई बहू से पूछा –
“बहू, मान लो अगर तुम पलंग पर बैठी हो और मैं
भी उस पर आकर बैठ जाऊं तो तुम
क्या करोगी ?”
बहू – “तो मैं उठकर सोफे पर बैठ जाऊंगी.”
सास – “और अगर मैं भी आकर सोफे पर बैठ
जाऊं तो क्या करोगी ?”
बहू – “तो मैं फर्श पर चटाई बिछाकर बैठ
जाऊंगी.”
सास – “और अगर मैं भी चटाई पर आ जाऊं
तो फिर क्या करोगी ?”
बहू – “तो मैं जमीन पर बैठ जाऊंगी.”
सास मजे लेते हुए आगे बोली – “और मैं जमीन
पर भी तुम्हारे बगल में बैठ गई
तो क्या करोगी ?”
बहू (खीझ कर ) – “तो मैं जमीन में गड्ढा खोद
कर उसमें बैठ जाऊंगी.”
सास – “और अगर मैं गड्ढे में भी आकर बैठ गई
तो ?”
बहू – “तो मैं ऊपर से मिट्टी डालकर
सिलसिला खत्म कर दूँगी … !!!
एक दिन अंगरेजी आला मासटर
कोनी आया तो 7वीं कलास मैँ
अंगरेजी की घंटी मैँ PTI मासटर
की duty लाग गी।
तो पाठ मैँ एक sentence था कि
''In india more people live in the
villages than the cities.''
वो मासटर बोला कि बताओ बचचो
इसकी हिंदी कया होगी।
बालक बोले कि जी हामनै तो
ना बेरा आप ए बता दो।
तो मासटर गुससे मैँ आके बोला कि
यार मैँ कया बताऊँ sentence
को समझने की कोशिश करो
यानि कि इसका मतलब है कि
''भारत मे गाँव में मोर पीपलो पर
बैठकर सिटीयाँ बजाते हैँ।।'