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सेल्स टैक्स या बिक्री कर क्या है:

सेल्स टैक्स किसी भी वस्तु पर चुकाया जाने वाला कर होता है. यह कर सीधे सरकारी विभाग को जाता है जो इससे सम्बंधित चीज़े देखता है. .

कौन लगाता है:


बिक्री कर आमतौर पर पुरे देश में किसी भी वस्तु या सेवा पर लगता है और इसके लिए केंद्रीय सरकार तथा राज्य सरकार दोनों ही आर्डर जारी करते हैं. यह मुख्यतः वस्तु के एक राज्य से दूसरे राज्य में स्थानांतरित करने या आयत करने पर ही लगता है. अर्थात जब कोई भी वस्तु या सेवा किसी एक राज्य से दूसरे राज्य में बेचीं जाती है तो सरकार उस पर कुछ कर लगाती है. कुछ राज्यों में तो उपरोक्त बेचे गए सामान पर तो अतिरिक्त कर भी लगाया जाता है जिससे उनकी कीमत में बृद्धि हो जाती है और वो बाकि राज्यों के मुकाबले ज्यादा महंगी बिकती है.

GST आने के बाद क्या होगा:


Goods and Service Tax यानि कि जी.एस.टी. आने से इसके फायदे तो मिलेंगी ही. यह एक “अप्रत्यक्ष कर” है जो राज्यों कि मनमानी को रोकेगा और पुरे देश में एक वस्तु पर एक ही कर कि सिफारिश करेगा.| GST के आने के बाद VAT, Excise और Service Tax जैसे कर की जगह केवल GST लगेगा|

जब हम कोई वस्तु खरीदते हैं तो हमसे उसपर टैक्स वसूला जाता है जो हमे उसकी रसीद से पता चलता है. लेकिन हम फिर भी उसकी असली कीमत जानने में असमर्थ होते हैं. ऐसा इसलिए कि उस वस्तु पर “एक्साइज ड्यूटी” सरकार पहले ही लगा चुकी होती है जो कि उसके दाम में कही भी बताया नहीं जाता. पर अब हम इस बात का अंदाज़ा लगा सकते हैं कि जो भी वस्तु हम खरीदेंगे, उस पर सामान्यत: 18% कर चुकाना होगा.

इसका फायदा सबसे बड़ा तो यह होगा कि जब एक टैक्स लागू होगा तो ग्राहक एक बार ही टैक्स ऐडा करेगा जिससे कि टैक्स पर टैक्स देने वाली बात से उसे राहत मिलेगी. यानि कि अब किसी वस्तु पर जो भी टैक्स लगाया जायेगा, वो राज्य और केंद्र दोनों का ही मिला-जुला टैक्स रहेगा.

 

  • mmuta