Article Index

एक बार बनिए का ब्याह
होगया .........उसने क्यां ऐ का न बेर
था ....थोड़े दिन पाछे उसके घर आले कहन
लाग गे की बेटा बालक बुलक कर
ले ........तो बनिए का एक बढ़िया जाट
दोस्त था ....वो उस धोरे चला गया और
बोल्या भाई ये बालक क्यूकर
होया करे ......तो जाट बोल्या भाई तू
रात ने अपनी बाननी ने ले क म्हारे घेर में
आज जाइये अर्र दिवा लियईये ....
रात ने बनिया पहुच जा है बाननी ने ले
क.....तो जाट बनिए ते दिवा पकड़ा दे है
और बनिए ने सुथरी ढाल समझा दे है
की क्यूकर होया करे बालक ......
कई साल बाद बनिए क घर आवे है जाट....देखे
है की बनिए क ५-६ बालक हो रहे
थे ......तो जाट पूछे है की आखिर तन्ने लाग
ऐ गया बेरा की बालक क्यूकर
होया करे ....तो बनिया बोल्या हाँ इसमें
के करना था ....बस दिवा ऐ पकड़ना था ...

We have 104 guests and no members online